बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्र बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्रसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर
प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लाभ बताइये। सतत् सुधार चक्र को समझाइये।
अथवा
पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लाभ क्या है? ISO 14001 के अन्तर्गत पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली को बताइये।
उत्तर -
(Advantages of EMS)
पर्यावरणीय प्रबन्धन प्रणाली के निम्नलिखित लाभ होते हैं -
1. अनुपालन में वृद्धि होना,
2. पर्यावरणीय निष्पादकता में सुधार होना,
3. प्राकृतिक तथा अन्य संसाधनों का संरक्षण होना,
4. पर्यावरणीय प्रदूषण की रोकथाम में सहायक होना,
5. नए बाजारों / ग्राहकों की प्राप्ति में सहायक होना,
6. कार्यक्षमता में वृद्धि होना तथा लागतों में कमी आना,
7. संस्था के कर्मचारियों के मनोबल का बढ़ना,
8. व्यावसायिक संस्था की जनता, विनियामकों, ऋणदाताओं, निवेशकों की छवि में सुधार आना,
9. पर्यावरणीय मुद्दों एवं उत्तरदायित्वों के प्रति कर्मचारियों का अधिक जागरुक होना, पर्यावरणीय प्रबन्धन प्रणाली से संगठन में सतत् रूप से पर्यावरणीय निष्पादकता में सुधार आता है क्योंकि यह प्रणाली पुनरावर्ती चक्र को सतत् रूप से अपनाती है। यह चक्र अग्रवत है -
संगठन द्वारा पहले पर्यावरणीय नीति के प्रति समर्पित हुआ जाता है। इसके बाद यह योजना की स्थापना के लिए आधार के रूप में नीति का उपयोग करता है। जहाँ पर्यावरणीय सुधार के लक्ष्य एवं उद्देश्य तय किये जाते हैं। अगला कदम क्रियान्वयन का होता है। इसके बाद संगठन अपने पर्यावरण निष्पादन का मूल्यांकन करके यह देखता है कि क्या उद्देश्य एवं लक्ष्य प्राप्त किए जा रहे हैं। लक्ष्य प्राप्त न होने पर सुधारात्मक कार्य किए जाते हैं। मूल्यांकन के परिणामों की समीक्षा उच्च प्रबन्ध द्वारा की जाती है। प्रबन्ध द्वारा पर्यावरणीय नीति को पुनः देखा जाता है तथा संशोधित योजना में नये लक्ष्य बनाए जाते हैं। फिर संशोधित योजना का क्रियान्वयन किया जाता है। यह चक्र चलते रहने से सतत् रूप से सुधार होता रहता है।
(Environment Management System Under International Organisation for Standardisation (ISO) 14001)
पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लिए सर्वाधिक प्रयुक्त रूपरेखा के रूप मं अन्तर्राष्ट्रीय मानक संगठन 14001 को माना जाता है। इसकी स्थापना वर्ष 1996 में हुई थी। यह रूपरेखा पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के सम्बन्ध में शासकीय अन्तर्राष्ट्रीय प्रमाप है।
अन्तर्राष्ट्रीय मानक संगठन 14001 द्वारा पर्यावरण प्रबन्ध प्रणाली के लिए निम्नलिखित पाँच अवस्थाएँ निर्धारित की गयी हैं.
1. समर्पण एवं नीति (Commitment and Policy) - उच्च प्रबन्ध पर्यावरणीय उन्नयन के प्रति वचनबद्ध होता है तथा संगठन की पर्यावरणीय नीतियाँ तय करता है। नीति को पर्यावरण प्रबन्ध प्रणाली का आधार माना जाता है।
2. नियोजन (Planning) - संगठन द्वारा प्रचालन के पर्यावरणीय पहलू को जान लेने के बाद सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानदण्ड तय किए जाते हैं। इनको तय कर लेने के पश्चात् संगठन उद्देश्यों को निर्धारित करता है। ये उद्देश्य सम्पूर्ण पर्यावरणीय लक्ष्य होते हैं। नियोजन अवस्था के अन्त में योजना को अन्तिम रूप दिया जाता है। जिसमें उत्तर दायित्व निर्धारण किए जाते हैं।
3. क्रियान्वयन (Implemertation) - संगठन द्वारा योजना को कार्य रूप में बदला जाता है। इसके लिए संसाधनों को उपयोग में लाते हैं। सभी कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाता है तथा उन्हें जागरूक किया जाता है। इस अवस्था में प्रपत्रीकरण, प्रचालन प्रक्रियाएँ आदि कार्य किए जाते हैं।
4. मूल्यांकन (Evalvation) - संगठन द्वारा अपने प्रचालनों का मूल्यांकन करके लक्ष्यों की प्राप्ति को देखा जाता है तथा सुधार के लिए कदम उठाए जाते हैं।
5. समीक्षा (Review) - यह कार्य उच्च प्रबन्ध द्वारा किया जाता है। इस चरण में यह देखा जाता है कि क्या मूल पर्यावरणीय नीति संगठन के मूल्यों के संगत हैं। पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली की प्रभावशीलता को अनुकूल बनाने के लिए योजना में सुधार किया जाता है।
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- प्रश्न- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र की विषय सामग्री बताइये।
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- प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र की संरचना बताइए।
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- प्रश्न- पीगूवियन कर क्या है?
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- प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की आवश्यकता बताइए।
- प्रश्न- सतत् विकास से आप क्या समझते हैं?
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- प्रश्न- सतत् विकास के लिए भारत द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
- प्रश्न- सतत् विकास की रणनीति पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
- प्रश्न- बाह्यताओं का पीगूवियन विश्लेषण समझाइये।
- प्रश्न- बाह्यताओं के प्रकार समझाइये।
- प्रश्न- उत्पादन की सकारात्मक बाह्यताओं को पीगू के विश्लेषण के अनुसार समझाइए।
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- प्रश्न- उपभोग में सकारात्मक बाह्यताओं पर टिप्पणी लिखिए तथा इसमें नकारात्मक बाह्यताएँ समझाइए।
- प्रश्न- सार्वजनिक वस्तुओं से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए। बाह्यताओं तथा बाजार विफलताओं को किस प्रकार समाप्त किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- सार्वजनिक वस्तुएँ क्या विशेषताएँ रखती हैं?
- प्रश्न- बाह्यताओं एवं बाजार विफलताओं को दूर करने के उपाय बताइये।
- प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र को परिभाषित कीजिए। कल्याणकारी अर्थशास्त्र में नैतिक निर्णयों का क्या स्थान है?
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- प्रश्न- बाजार असफलता क्या है?
- प्रश्न- बाजार असफलता किन दशाओं में सम्भव है?
- प्रश्न- पीगूवियन सब्सिडी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- बाजार असफलताओं के कारण समझाइये।
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- प्रश्न- प्रो. आर. कोज द्वारा सम्पत्ति अधिकारों के सम्बन्ध में बतायी गयी द्वितीय प्रमेय को समझाइये।
- प्रश्न- कोज द्वारा बताए गए प्रमेयों का महत्व समझाइए।
- प्रश्न- सम्पदा अधिकार के विभिन्न प्रकारों को बताइए।
- प्रश्न- मानव पूँजी के अवयव लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरण एक सार्वजनिक वस्तु है। समझाइए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय गुणवत्ता का आशय एवं महत्व बताइये।
- प्रश्न- इको लेबलिंग (Eco Labelling) का क्या अर्थ है?
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- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली से आप क्या समझते हैं? इसके लक्षण बताइए। इसके लक्ष्यों को भी लिखिए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लक्षण बताइए।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लक्ष्य बताइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लाभ बताइये। सतत् सुधार चक्र को समझाइये।
- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यक्षेत्र तथा आवृत्ति को बताइए। पर्यावरणीय अंकेक्षण के क्या लाभ होते हैं?
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- प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण का कार्यक्षेत्र समझाइए। यह किसे करना चाहिए?
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- प्रश्न- लिंग समानता तथा पर्यावरण को बताइये।
- प्रश्न- ग्रीन हाउस प्रभाव से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियन्त्रण) अधिनियम, 1981 में वायु प्रदूषण के निवारण एवं नियन्त्रण के सम्बन्ध में कौन-कौन से प्रावधान किये गये हैं? समझाइये।
- प्रश्न- पारिस्थितिकी तन्त्र (Eco System) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- यूरो मानक से क्या समझते हो?
- प्रश्न- भारतीय उत्सर्जन मानक (BS) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रमुख वैश्विक पर्यावरण मुद्दों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- वैश्विक ऊष्मीकरण या वैश्विक उष्मण।
- प्रश्न- मरुस्थलीयकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- ओजोन परत व उसके क्षरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- अम्लीय वर्षा से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- पर्यावरण संरक्षण में भारत की न्यायपालिका की सक्रियता या भूमिका का वर्णन कीजिए।
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